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प्रयागराज: कुलपति ने 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020' काे NGBU में लागू करने काे प्रस्तुत किया राेडमैप

प्रयागराज: नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 काे लागू करने के लिए शाेध केंद्र परिसर में आयाेजित बैठक में कुलपति प्राे० संजय श्रीवास्तव ने रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जागरूक ही नहीं क्रियाशील भी हाे जाना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति काे शनै: शनै: लागू करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति समावेशी है। एक संकाय में रहते हुए छात्र अलग-अलग विषयाें का अध्ययन कर सकते हैं, यह अत्यंत लचीली है। एनईपी-2020 हमें वैश्विक परिवेश से जाेड़ने के लिए लाई गई है। हमें अपने विश्वविद्यालय में प्रवेश स्तर पर इसे लागू करना हाेगा। इसके लिए एक ढॉचा तैयार करना हाेगा। 

शाेध स्तर पर भी इसे लागू करने पर हम विचार कर रहे हैं। व्यावहारिक ज्ञान के लिए भी एनईपी में प्रावधान किया गया है, इन सबके काेर्सेज भी हम तैयार करके इसे फ्रेमवाइज लागू करेंगे। अभी हम दाे से तीन क्षेत्राें पर लागू कर सकते हैं। नैक पीयर टीम भी एनईपी के लिए राेड मैप की मांग करती है, इसलिए हमें सम्पूर्ण तैयारी कर लेनी चाहिए। जिससे अनुमति मिलते ही हम क्रेडिट सिस्टम में तुरंत रजिस्टर्ड हाे जाएगें। शाेध आैर चार वर्षीय स्नातक के लिए हम कैसे च्वाइस बेस्ड में बदलते हैं इस पर तीव्र गति से कार्य करना है। राेड मैप हमारे पास है 2023-24 से इसे लागू कर सकते हैं। 

प्रतिकुलपति डॉ० एस.सी. तिवारी ने बताया कि एनईपी-2020 के क्रियान्वयन के क्रम में चार वर्षीय पाठ्यक्रम आैर एमआेयू भी करना पड़ेगा जिससे एबीसी सिस्टम में जाया जा सके। हमें विश्वविद्यालय स्तर पर च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करना पड़ेगा। सर्वप्रथम हमे एक समिति बनाकर च्वाइस बेस्ड लागू करना चाहिए तत्पश्चात् चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू करना चाहिए। श्री तिवारी ने चार वर्षीय स्नातक आैर शाेध में सर्वप्रथम एनईपी-2020 लागू करने पर बल दिया। 

डॉ० आर. सी त्रिपाठी ने कहा कि 2024 से हम पीएचडी आर्डिनेन्स के साथ एनईपी लागू कर सकते हैं। पीएचडी काेर्स वर्क के लिए थ्रस्ट एरिया काे भी अनिवार्य रूप से शामिल करना पड़ेगा। एनईपी में लाईफ लांग लर्नर का भी प्रावधान किया गया है। डॉ० आर सी त्रिपाठी ने एक माह में रिसर्च आर्डिनेंस उपलब्ध कराने की बात कही। परीक्षा नियंत्रक डॉ० राजेश तिवारी ने बताया कि पाठ्यक्रम डिजायन पर हमें विशेष ध्यान देना पड़ेगा। 

डॉ० प्रबुद्ध मिश्रा ने क्रेडिट सिस्टम काे विस्तार से बताया। डॉ० एसएस मिश्रा ने मल्टिपल, सिंगल व ड्युअल स्ट्रीम सिस्टम पर प्रकाश डाला। श्री मिश्रा ने बताया कि प्रति वर्ष 40 क्रेडिट छात्र के लिए हाेंगे। चार वर्षीय स्नातक में 160 क्रेडिट हाेंगे। डॉ० विनाेद पाण्डेय, डॉ० आशीष शिवम् ने भी अपना सम्बाेधन दिया। 

इस दाैरान सचिव श्री मनीष मिश्र, सभी संकायों के संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष माैजूद रहे। संचालन एनईपी समन्वयक् डॉ० हिमांशु शेखर सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचि आर०एल० विश्वकर्मा ने किया।

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