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जीभ में भाला घुसाकर आदिवासी समाज के‌ लोगों ने किया मां विंध्यवासिनी का दर्शन, मंजर देखकर दंग रह गए लोग

मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश का मिर्जापुर जिला पूरी दुनिया में अलग-अलग मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है।नवरात्रि के आखिरी दिन नवमी को लाखों श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने पहुंचे।नवरात्रि के आखिरी दिन आदिवासी समाज के लोगों ने विशेष पूजा अर्चना की। ढोल,मजीरा के साथ अन्य वाद्ययंत्रों पर मां के मधुर गीत गाते और नृत्य करते हुए आदिवासी समाज के लोगों को देखकर धाम में मौजूद हर कोई दंग रह गया।

बता दें कि नवरात्रि के आखिरी दिन नवमी को अपनी ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार आदिवासी समाज का एक जत्था मां विंध्यवासिनी का दर्शन के लिए पहुंचा।इस दौरान आदिवासी समाज के लोग हैरतअंगेज करतब भी लोगों को दिखा रहे थे।सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग मां के धाम में नाचते-गाते,अपने शरीर पर लोहे के साकड़े से पीटते हुए मां के दरबार में पहुंचे। हाथों में कलश, घड़े से निकलती ज्वाला और पुरुष के जीभ के आर-पार लोहे के छड़ ने सबको दंग कर दिया।

रामनवमी के अवसर पर मां विंध्यवासिनी का 101 आदिवासी श्रध्दालुओं का जत्था एक साथ दर्शन के लिए पहुंचा।मां विंध्यवासिनी को खुश करने के लिए ये हैरतअंगेज करतब भी कर रहे थे।भीड़ को देखते हुए आम लोगों के दर्शन पर रोक लगा दी गई।यहां पर तैनात पुलिसकर्मियों ने झांकी के रास्ते इन सभी को दर्शन कराया।मां की भक्ति के साथ अद्भुत तरीके से खुश करने की कला देखकर श्रद्धालु भी दंग रह गए। 30 मिनट तक जत्थे ने दर्शन किया।

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