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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रो. का विवादित बयान; AU की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाया

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर विक्रम हरिजन ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का पद दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। वह कहते हैं कि इतिहासकारों और समाज के लोगों द्वारा महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि देना गलत है। वास्तव में राष्ट्रपिता की उपाधि गांधी को न देकर ज्योतिराव फुले को दी जानी चाहिए थी। देश के निर्माण में ज्योतिराव फुले का अहम योगदान था।

  

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्य कालीन एवं आाधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट विभाग विक्रम हरिजन विश्वविद्यालय प्रशासन की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाते रहते हैं। 

अभी कुछ माह पहले फीस वृद्धि के खिलाफ जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र आंदोलन कर रहे थे तब विक्रम हरिजन ने उनका समर्थन किया था। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए थे। कहा था कि भारत में शिक्षा पूरी तरह से मुफ्त हो। इसी तरह वह आए दिन चर्चाओं में रहते हैं।

असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम हरिजन ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के जन्मदिवस के मौके पर कहा कि यूपी के लोग खुद बीमार हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को नहीं समझ सके। मुगलों के बाद यदि किसी ने निर्माण कराया तो वह बहन जी ने कराया। बसपा एक ऐसी पार्टी है जो अपनी सरकार में अपने ही पार्टी के सांसद के खिलाफ कार्रवाई करने में पीछे नहीं हटी।

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