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मां ने प्रेमी संग की लव मैरिज; इकलौते बेटे ने जहर खाकर दे दी जान, बेटी ने लात मारकर घर ने निकाला

झांसी में मां के लव मैरिज करने से नाराज इकलौते बेटे ने सुसाइड कर लिया। 3 साल पहले मिले प्रेमी के चक्कर में महिला ने अपने इकलौते 17 साल के बेटे को खो दिया। मां ने कहा, “मैं मानती हूं कि मेरी वजह से बेटे ने जहर खाया है। लेकिन जिन बच्चों को पालने के लिए ही ये सब कर रही थी, वो ही मुझे छोड़कर चला गया। ये कलंक जिंदगी भर नहीं मिटेगा। बेटे की मौत के बाद मेरा परिवार ही मुझसे रूठ गया है। घर गई तो बेटी ने हाथ पकड़कर निकाल दिया। लात भी मारी। अब मैं कहीं की नहीं रह गई हूं।”

बेटा लड़कर चला गया, सोचा नहीं था ऐसा करेगा

मां ऊषा आगे बताती हैं, “शुक्रवार की बात हैं। मैं अपने होने वाले पति के घर मथुपुरा गांव में थी। दोपहर में हमें कोर्ट मैरिज के लिए झांसी कोर्ट में जाना था। सुबह मेरी ननद का फोन आया और वो लड़ने लगी। थोड़ी देर बाद बेटे का फोन आया और वो भी मुझसे लड़ने लगा। बेटा दादा-दादी के पास जा रहा था। लेकिन मुझे बोला मैं वहीं (मथुपुरा गांव) आ रहा हूं। दोपहर एक बजे बेटा आ गया।''

आगे बताया, ''मैं घर के बाहर बैठी थी। वो मुझे अपने साथ ले जाना चाहता था, लेकिन मैंने उसको कहा कि तुम जाओ, मैं आ जाऊंगी। लेकिन वो नहीं माना और लड़ने लगा। मुझसे लड़कर बेटा चला गया। बोलकर गया कि कल पता लगेगा मम्मी। मुझे क्या पता था कि बेटा ऐसा कर लेगा। नहीं तो मैं साथ चली जाती।”

अब संबंधों का क्या करुं

मां आगे कहती हैं कि “युवक के साथ मेरे संबंध मजबूरी में बने हैं। कमरे का किराया और 3 बच्चों को पढ़ाने का खर्च सिर्फ मजदूरी से नहीं हो रहा था। 3 साल पहले एक जगह काम करने गई थी। वहां युवक भी काम कर रहा था। तब मेरी उससे जान पहचान हो गई। उसने मेरी मदद की। आटा, कपड़ा से लेकर रुपए सब जरूरत पूरी की। वो घर रुकता था, बच्चों को भी पता था। तब किसी को दिक्कत नहीं थी।''

मां ने बताया, ''अब एक माह से बेटा को ऑब्जेक्शन था, पता नहीं उसे किसने उकसा दिया था। बेटा मेरे संबंधों से अचानक खफा हो गया था। वो कह रहा था कि तुम ये सब पहले ही कर लेती, जब हम लोग छोटे थे। मैंने उसको कहा भी, ये पहले कहते, जब युवक घर रुकता था। लेकिन वो बहुत गुस्सा था। अब संबंधों का क्या करुं। मेरा तो बेटा चला गया।”

10 साल पहले पति की मौत हुई थी

टोड़ी फतेहपुर के लिधौरा गांव निवासी सीताराम पाल का बेटा बिहारी लाल मऊरानीपुर में रहता था। करीब 10 साल पहले उसकी मौत हो गई थी। बेटे की मौत के बाद ऊषा अपने बेटे सुरेंद्र पाल (17) और दो बेटियों के साथ मऊरानीपुर में रह रही थी। करीब 3 साल पहले ऊषा के मथुपुरा गांव निवासी दूसरे जाति के युवक से दोस्ती हो गई।

जो कुछ दिनों बाद ही प्रेम संबंध में बदल गई। करीब 3 माह पहले वह अपने प्रेमी के साथ चली गई थी। शुक्रवार दोनों ने लव मैरिज कर ली। इससे खफा होकर बेटे सुरेंद्र ने घर आकर जहर खा लिया था। उसे झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। दादा ने सुरेंद्र की हत्या का शक जताया है।

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