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रिश्वत नहीं दी तो 72 छात्रों को परीक्षा में कर दिया फेल; जांच में दोषी मिले परीक्षक



अलीगढ़ के कॉलेजों में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जिसमें रिश्वत न देने पर बीएड के 72 छात्रों को प्रैक्टिकल एग्जाम में फेल कर दिया गया। इन छात्रों ने प्रैक्टिकल अच्छे नंबर के नाम पर रुपए देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद इन्हें फेल कर दिया गया।

इस बात का खुलासा राजा महेंद्र प्रताप यूनिवर्सिटी (RMPU) की जांच में हुआ है। घटना के बाद इसकी शिकायत की गई थी। जिसके बाद मामले की जांच बैठाई गई थी। सोमवार को इसकी रिपोर्ट आई। इस मामले में परीक्षक के तौर पर ड्यूटी करने वाले दोनों शिक्षकों को भी डिबार कर दिया गया है और उन्हें दो साल तक परीक्षा से जुड़े कार्यों से दूर रखा जाएगा।

अतरौली के कॉलेज में फेल हुए थे छात्र

राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अतरौली के एक कॉलेज में बीएड के प्रैक्टिकल एग्जाम में 72 विद्यार्थियों को फेल किया गया था। इस मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद राज्य विवि की परीक्षा समिति की आपात विशेष बैठक बुलाई गई।

बैठक में अध्यक्ष कुलपति प्रो. चंद्रशेखर, अध्यक्ष विधि संकाय डीएस कॉलेज डॉ. हरीश कुमार, शिक्षा संकाय अध्यक्ष डीएस कॉलेज डॉ. पूनम अग्रवाल, डीएस कॉलेज कृषि संकाय अध्यक्ष डॉ. कमल सिंह व सचिव कुलसचिव महेश कुमार शामिल रहे। बैठक में छात्रों को राहत देने के साथ आरोपी शिक्षकों को दंडित किया गया।

अलीगढ़ व मुरादाबाद के शिक्षकों पर हुई कार्रवाई

कमेटी की बैठक में जयगिर्राज धरण महाविद्यालय नहल अतरौली के बीएड सत्र 2021-2022 के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को जबरन फेल करने के आरोपी शिक्षकों पर कार्रवाई की गई। जांच आख्या में बताया गया कि छात्रों को जबरन फेल किया गया था। इसमें फाइल अधूरी जैसे तर्क देकर छात्रों को फेल किया गया है।

प्रैक्टिकल परीक्षा में डीएस कालेज अलीगढ़ के बीएड संकाय के डॉ जितेंद्र कुमार और बाह्य परीक्षक के तौर पर मुरादाबाद के हिंदू कालेज के बीएड विभाग के शिक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार की ड्यूटी थी। इन्होंने छात्रों से अवैध वसूली का प्रयास किया। जब यह प्रयास सफल न हुआ तो छात्रों को फेल किया गया। इन दोनों पर कार्रवाई करते हुए इन्हें सत्र 2022-23, सत्र 2023-24 के लिए डिबार किया गया है।

एक सप्ताह के अंदर होंगे छात्रों के एग्जाम

शिक्षकों पर कार्रवाई करने के साथ ही यूनिवर्सिटी ने विद्यार्थियों को भी राहत दी है। उनके प्रैक्टिकल एग्जाम दुबारा कराए जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी नोडल कालेज राजकीय महाविद्यालय छर्रा को दी गई है। एक सप्ताह के भीतर परीक्षाएं दुबारा कराई जाएंगी।

वहीं, दूसरी ओर बीएड सत्र 2021-22 प्रथम वर्ष के अनुत्तीर्ण, बैक पेपर की परीक्षा एवं एलएलबी और बीए एलएलबी सत्र 2021-22 प्रथम वर्ष की बैक पेपर के लिए भी निर्णय लिया गया। इसमें यूनिवर्सिटी में संसाधनों और मैन पॉवर की कमी के चलते यह पाया गया कि बैक पेपर अलग से नहीं हो सकता है।

जिसके चलते निर्णय लिया गया कि जो विद्यार्थी बैक पेपर परीक्षा के लिए पात्र हैं, उन्हें सेकंड ईयर में प्रमोट कर दिया जाएगा। ऐसे छात्र द्वितीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी तब तक तृतीय वर्ष में प्रवेश नहीं कर सकेंगे, जब तक वह प्रथम वर्ष की बैक पेपर परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर लेते।

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